ग्लैमर और जमीनी कार्यकर्ता


Avinash Bharadwaj

आप थोड़े ना कुछ करते हैं हमारे लिये. वो दीदी जो आपके साथ आई थी, वह हम लोगों के लिए काम करती है. आप तो बस यूं ही इधर उधर घूमते रहते हैं. सुनकर सर चकरा गया था मेरा, तो पूछ बैठा था भाई किसकी बात कर रहे हो.

अरे भाई वो दीदी जो आपके साथ आई थी कुछ दिन पहले. तुरंत मुझे पिछले हफ्ते का सीन याद आ गया. वो अपना इंटर्नशिप करने उस सुदूर जंगल में आई थी. हाथों में एक कलम, एक कॉपी चमक-दमक, अच्छे कपड़े और पैसो की खनक से साफ पता चलता था कि शहर के किसी संभ्रांत घराने से संबंध रखती होंगी. हमारे साथ संगठन के गाँव में घुमी थी और लोगों से कुपोषण के संबंध में इंटरव्यू किया था.

Glamour and ground workers

खैर सच बताऊ तो उस लड़के के सवाल ने मुझे विचलित कर दिया. उस दिन जीवन के बहुत सारे प्रश्नों का उत्तर मुझे मिल गया. जीवन की कुछ कड़वी सच्चाई मैंने उस दिन अपनी आंखों से भाँप ली और समझ गया कि जमीन पर काम करने वालों का इस दुनिया में कितना महत्व है. उस पहाड़ी इलाके, जंगल-झाड़ में मैंने समाज सेवा करते करते अपने खून जलाएं थे, चेहरे की रौनक गायब हो गई थी, चमड़ीयां काले पड़ गए थे, फिर भी गांव-गांव घूमना, लोगों को समझाना और संगठन की मीटिंग करना और उन्हें सरकार के विभिन्न सामाजिक स्कीमों की जानकारी देना जारी रखा था.

लेकिन उस लड़के के प्रशन ने मुझे झकझोरा था और उसकी बात कहीं न कहीं सामाजिक पृष्ठभूमि में एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते सोचने को मजबूर कर रही थी. दिल में बहुत पीड़ा हुई जब ऐहसास हुआ कि जिस जगह पर आप काम करते हैं, सालों अपनी खून जलाते हैं, अपने कैरीयर को दांव पर लगा अपने मां-बाप के सपने को तोड़ तन्हा जीते हैं, और एक झटके में ग्लैमर की दुनिया आप को खारिज करवा देती है. और यही तो होता है इस देश में ! आप जिसके लिये काम करते वो आप को समझ नहीं पाते या आप उन्हें समझा नहीं पाते. काम के क़द्र की बात तो दूर दिमागी स्पष्टता तक नहीं आ पाती. आपके काम का क्रेडिट कोई और लेकर उड़ जाता है, आप एक तरफ खड़े यूँ ही हाथ मलते रह जातें हैं.

अविनाश भारतद्वाज (समजिक कार्यकर्ता )
संपर्क – 9852410622

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2 Comments

  1. himanshu
    November 16, 2016
    Reply

    real truth

  2. nityanand jha
    November 16, 2016
    Reply

    Bole toh ekdam jhkassss
    super se bhi khi uper
    Really mast hai

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