बुद्धिमानी, फुर्ती व स्मार्ट वर्क के मायने


story of axe

प्रिय पाठकों प्रस्तुत है, एक लघु कथा “स्मार्ट वर्क” आज के दौर में अगर आपको तरक्की के ऊंचाईयों को छूना है तो आपको अपने काम में मेहनत के साथ – साथ काम करने के तौर – तरीके में फुर्ती व स्मार्टनेस लाना बहूत ही आवश्यक है । आगे …. 

एक गॉव में दो मित्र रहते थे , जिनका नाम छोटू और श्याम था । दोनों बचपन में बड़े ही अच्छे दोस्त थे । लेकिन जब दोनों बड़े हुए तो किसी कारण से दोनों में मनमुटाव सा हो गया । बड़े होकर छोटू और श्याम पेसे से लकड़हारा बना । दोनों बहूत ही मेहनती और ईमानदार थे । छोटू और श्याम का जीवन यापन लकड़ी काटने से चलता था । दोनों जंगल में लकड़ी कटता और शहर में जाकर बेचता था । छोटू श्याम से  देखने में बड़ा ही हट्टा – कट्ठा था । और श्याम से बहूत ज्यदा मेहनत भी करता था । इसके बावजूद भी छोटू ज्यदा लकड़ी नहीं काट पता था । इसलिए श्याम के तुलना में उसे पैसे भी कम मिलते थे । इसके कारण धीरे – धीरे छोटू श्याम से जलने लगा । वह अक्सर सोचता रहता की श्याम कैसे इतना ज्यादा लकड़ी कटता है उसकी तरक्की का राज क्या है । हमेशा उसके मन में इसी प्रकार के नकारात्मक भाव पनपते रहते थे ।

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एक दिन उससे नहीं रहा गया और उसने श्याम से पूछा, यार एक चीज बताओ की में इतना मेहनत करता हूँ फिर भी तरक्की नहीं कर पा रहा हूँ । अखीर तुम्हारे तरक्की का राज क्या है । श्याम ने कहा पहले तुम बताओ की तुम्हारे काम करने का तरीका क्या है । छोटू ने कहा में तो सुबह से ही लकड़ी काटने में लग जाता हूँ ।

फिर श्याम ने छोटू का उत्तर देते हुए कहा “मैं काम पर जाने से पहले रोज कुल्हारी में धार करता हूँ ।” जिससे में तुमसे ज्यदा मेहनत किये बिना ज्यादा लकड़ी कटता हूँ और अधिक से अधिक लाभ कमाता हूँ  ।

सीख :  कड़ी मेहनत का अपना महत्व जरुर है, लेकिन बुद्धिमानी, फुर्ती व स्मार्ट वर्क के मायने कहीं अधिक है । मेहनत के साथ अन्य तिन चीजों का भी ध्यान रखेंगे, तो ओरों से दो कदम आगे ही रहेंगे ।

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