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एक नहीं अनेक लड़ाइयाँ समाहित हैं
इस आलेख में, हिंदी मैथिली के प्रखर युवा कवि विकास वत्सनाभ छात्र आन्दोलन के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान और भविष्य के सामंजस्य का साधारण बोध करवाते हुए प्रतीत होते हैं । पढिये एक स्पष्ट चिंतन पर आधारित यह आलेख “एक नहीं अनेक लड़ाइयाँ समाहित हैं”
कम्बोडिया और अंगकोर : मेरा प्रवास
सोशलिज्म कितना खूनी हो सकता है ? पूंजीवाद कितना खूनी हो सकता है ? किसी देश के इतिहास का एक ऐसा कालखंड जब विभिन्न विचारधाराओं के एक के बाद एक इम्प्लीमेंटेशन ने ३० लाख (कुल आबादी का २१%) लोग मार दिए । कुछ आंकड़ों पर नज़र डालें। कम्बोडिया को फ्रेंच उपनिवेशवाद से १९५३ में आजादी …