नया लेख

ऐसा कहना बिल्कुल अतिश्योक्ति नहीं होगी कि और जो भी हो मगर ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ जैसी दमदार क्राईम-थ्रिलर फिल्मों से लोगों का टेस्ट जरूर बदल गया है। जिसका प्रमाण आपके सामने है कि मिर्जापुर, पाताल लोक जैसी वेब सीरीज इतनी लोकप्रिय हो रही है। अभी हाल में ही एम एक्स प्लेयर पर रिलीज हुई नई …

साहित्य हमेशा मानव जाति के लिए, मानवीय कल्याण के लिए दृष्टि विस्तार की बात करता है। साहित्य लेखन को ठीक से देखा जाए तो लगेगा साहित्य समाज के लिए समालोचक की भूमिका भी निभाता है। बेपटरी हो रहे समाज को पटरी पर लाने के लिए साहित्यकार काफी प्रयास करते हैं। आज के समय में नैतिकता, …

वर्तमान मान्यताओं के अनुसार राम के होने का कालखण्ड आज से करीबन नौ-दस हजार वर्ष पूर्व पर जाकर ठहरता है. यद्यपि भारतीय पौराणिक मान्यताओं से देखेंगे तो यह कालावधि और भी बहुत पीछे जाएगी तथापि हम यदि दस हजार वर्ष को ही आधार मानें तो भी एक बड़ा कालखण्ड मर्यादा पुरुषोत्तम को इस धरती पर …

साहित्य

साहित्यिक गतिविधियाँ तथा पुस्तक चर्चा
Atal Bihari Vajpayee

अटल जी कहते थे, “मेरी कविता जंग का एलान है, यह पराजय की प्रस्तावना नहीं | वह हारे हुए सिपाही का नैराश्य-निनाद नहीं, जूझते यौद्धा का जय संकल्प है, वह निराशा का स्वर नहीं, आत्मविश्वास का जयघोष है |”

sailing-boat

मैं नाव के अगले माईन पर बैठा था और मेरी नजरें जलकुंभी के फूलों पर टिकी थी जो धीरे-धीरे मेरे पास आती जा रही थी । करमी के फूलों की पृष्ठभूमि में उसकी खूबसूरती और बढ़ गई थी।

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आज का विचार

जो छोटी-छोटी बातों में सच को गंभीरता से नहीं लेता है, उस पर बड़े मसलों में भी भरोसा नहीं किया जा सकता.

— अल्बर्ट आइंस्टीन