लीची का मौसम है, खूब खाईये लेकिन लीची सिंड्रोम वायरस से भी सावधान रहें । किसी भी फल को अप्राकृतिक तरीके से पका कर खाने से इस तरह का खतरा बढ़ सकता है ।
क्या है लीची सिंड्रोम ? What is Litchi Syndrome
लीची सिंड्रोम एक प्रकार का वायरल संक्रमण है, जो कच्ची लीची खाने से हो सकता है । इस सक्रमण से पीड़ित मरीज को तेज बुखार, तेज सिरदर्द, चक्कर, उल्टियाँ व पेट में दर्द जैसे लक्षण होते हैं ।
कैसे बचें लीची सिंड्रोम से ?
फल अपने मौसम के अनुरूप प्रकृतिक तौर पर ही फायदेमंद है । कई बार बजार में मिलनी वाली लीची, कच्ची लीची को प्रिजव्रेटिव व केमिकल के जरिए पकाकर बेचा जाता है, जो संक्रमन बढ़ा सकता है । बेहतर है की आप पकी लीची को उसके मौसम में ही खाए और बरसात से पहले इसे खाना छोड़ दें । बारिश में लीची में कीड़े लग जाते हैं, इसीलिए इन्हें पहली बारिश के पहले ही खाना फायदेमंद है ।
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लीची में पाए जाने वाले पोषक तत्व
गर्मी के मौसम में लीची का सेवन बेहद पौष्टिक है । लीची में सबसे अधिक मात्र में पानी और विटामिन c होता है । गर्मी में शरीर में पानी का संतुलन बनाये रखने और तुरंत उर्जा के लिए लीची का सेवन फायदेमंद है, बशर्ते की आप पकी और अच्छी quality की ही लीची खाएं ।
लीची कब खाएं और कब ना खाएं
लीची का मौसम दो से ढाई महीने का होता है । आमतौर पर अप्रेल के अंत से लेकर जून माह के अंत या जुलाई के पहले हफ्ते तक यह बजार में उपलब्ध रहती है । अप्रेल से जुलाई के प्रथम सप्ताह तक खा सकते हैं | उसके पश्चात बरसात का मौसम आ जाता है जिससे लीची में कीड़ा लगने लगता है |
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