समीक्षा
लिंग विभेद / Gender Sensitization
महिलाओं को सबसे अधिक शोषित महिला ही करती है । खेत बेच के बेटा को IIT की तैयारी के लिए भेज दो ! और बेटी “बी.ए.ड” कर ले तो बहुत है । एक बहु के लिए उसका ससुर सबसे अच्छा इंसान होता है लेकिन सास दुनियाँ की सबसे बेकार औरत आखिर क्यों ? ये हजारों …
जब पहली बार मेरा परिचय “पेपर लीक” शब्द से हुआ
मैं अभी कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल टायर- टू की परीक्षा से निकला ही था कि देखा कुछ परीक्षार्थी ग्रुप बनाकर मोबाइल में व्यग्रता से झांकते उसमें घुसे जा रहे थे। उनके चेहरे पर निराशाजनित आक्रमकता थी जो शनैः शनैः उनके क्रियाकलापों पर हावी होता जा रहा था।
बदरंग होता बसंत
बसंत के आगमन की पदचाप खोजते जब मैं प्रकृति की ओर उन्मुख हुआ तो कुछेक सरसों के फूल और गेंदें में मुझे बसंत सकुचाया सा मिला । फैलते कंक्रीट के जंगलों में कायदे से रखे गमलों तक पहुँचने में बसंत सहमा-सहमा ,घबराया सा लगा।
लो आज मैं कहता हूं – आई लव यू !
श्री देवी जवानी के दिनों में मेरी क्रश रही थी। अपना पूरा बचपन और किशोरावस्था मधुबाला के सपने देखते बीता था। उन सपनों पर कब श्री देवी काबिज़ हो गई, कुछ पता ही नहीं चला। उनकी फिल्म ‘हिम्मतवाला’ मैंने ग्यारह बार देखी थी। उनके स्वप्निल सौंदर्य, उनकी बड़ी-बड़ी आंखों और उनकी चंचल मासूमियत का जादू …
एक नहीं अनेक लड़ाइयाँ समाहित हैं
इस आलेख में, हिंदी मैथिली के प्रखर युवा कवि विकास वत्सनाभ छात्र आन्दोलन के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान और भविष्य के सामंजस्य का साधारण बोध करवाते हुए प्रतीत होते हैं । पढिये एक स्पष्ट चिंतन पर आधारित यह आलेख “एक नहीं अनेक लड़ाइयाँ समाहित हैं”
पटना के बालकनी से
दिल्ली एक प्यारा सा छत था, तो पटना में बालकनी । बस यही अंतर आया है मेरे जीवन में 1000 किलोमीटर की दूरियाँ बढने के बाबजूद ।
सम्मान करें,अपनी सृजनहार का !
कई सदियां बीत गई शताब्दियां बीत गई सहस्त्राब्दियाँ बीत गई पर एक त्याग अथवा बलिदान जो मुख्य रूप से देखा गया और जिस की अवहेलना भी की गई वह है
प्यार में कभी कुछ भी गंदा नहीं होता
अगर आप पढ़ने के शौकीन हैं तो आते जाते रास्ते में टाइमपास के लिए कभी कोई पत्रिका या नॉवेल जरूर पढ़ा होगा, मैंने भी बहुत बार ऐसा साहित्य पढ़ा है।
शशि कपूर / कहीं कुछ अनकहा !
हम शशि कपूर को आमतौर पर पृथ्वी राज कपूर के बेटे और राज कपूर के भाई के तौर पर ही जानते हैं जो अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि की वजह से फिल्मों में आए और अपनी प्यारी शख्सियत और भोली अदाओं की वजह से तीन दशकों तक हिंदी सिनेमा के सबसे लोकप्रिय नायकों में एक बने रहे।
बिहार में बाढ़ का कहर- मुद्दा, स्वरुप और समाधान
रात को पानी की आवाज़ बहुत भयानक होती है, दूर कहीं चर-चाँचर में पानी गिरने की आवाज़, कुत्ते-बिल्लियों के क्रंदन और खूटें पर बंधे मवेशी की छटपटाहट बहुत डरावनी होती है | बाढ़ का स्वरुप विकराल होता है |