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समीक्षा


balirajgadh_vbc4

पुरातात्विक अवशेषों का अन्वेषण, विश्लेषण में पूरा पाषाण काल, मध्यकाल अथवा नव पाषाण काल के कई अवशेष जो अभी तक प्रकाश में नहीं आये हैं उनमें से एक है बलिराजगढ़ .. प्रस्तुत है इस विषय पर सत्यम कुमार झा का संक्षिप्त आलेख ।

sumit mishra gunjan

  समस्त ब्रम्हांड का आधार बदलाव है। युग-युगांतर से बदलाव होते रहे हैं तथा होते रहेंगे। परंतु जब मैं… इस भीड़ से परे वर्तमान पर दृष्टि डालता हूं,तो मन विस्मय से भर उठता है। एक सवाल बार-बार जेहन में उठता है कि क्या हमारे पुरखों ने इसी परिवर्तित समाज की परिकल्पना की होगी? उत्तर शायद …

Development of Vidyapati Festival and Mithila in hindi

बात विद्यापति समारोह के विरोध का नहीं है । बात है कि जिन लोगों को इस समाज ने आगे बढ़ाया, समाज के बल पर उन्होंने पूरे देश में नाम कमाया, पैसे कमाए, अच्छे पोस्ट पर पहुँचे, वो लोग मिथिला के प्रति अपने कर्तव्य को विद्यापति समारोह मना कर पूर्ण मान लेते हैं ।

Vidyapati-Samaroh

हम प्रश्न उठाएंगे विद्यापति समारोह पर ! जब पुरे मिथिला क्षेत्र में करोड़ों लोग रोटी से वंचित हैं, अच्छी स्वास्थ्य सुविधा से वंचित हैं, अच्छी शिक्षा से वंचित हैं, अच्छे घर से वंचित है, शौचालय नहीं है, खाने के लिए अच्छा खाना नहीं है, बदन पर अच्छा कपड़ा नहीं है, इस सब के बाबजूद लाखों …

बिहार में सन् 1820 में चंपारण क्षेत्र के बराह स्टेट में चीनी की पहली शोधक मिल स्थापित की गई । 1903 से तिरहुत में आधुनिक चीनी मिलों का आगमन शुरू हुआ । 1914 तक चंपारण के लौरिया समेत दरभंगा जिले के लोहट और रैयाम चीनी मिलों से उत्पादन शुरू हो गया । 1918 में न्यू …

image of vidyapati

मैथली कवि कोकिल विद्यापति ठाकुर का जन्म 1360 ई० में बिहार के मधुबनी जिला के बिसपी ग्राम में हुआ. श्रृंगार और भक्ति रस के कविता