साहित्य
नुति : पहली चिट्ठी
नुति को नहीं पता कि कहाँ से शुरुआत हो । …मगर हाँ, फ़िलहाल शायद उसे बस एक माध्यम चाहिए जिसे वो अपनी बात कह सके । उसके मन की वो सारी बातें जो समाज-परिवार के बनाये नियमों के अंदर फिट नहीं बैठते ।
“कुली लाइन्स” पुस्तक समीक्षा
विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर एक व्यंग कथा संग्रह के बाद दो दूर देशों की यात्रा वृतांत और फिर ……………… कुली लाइंस ।
महात्मा गांधी, परचुरे शास्त्री और सेवाग्राम
ये सेवाग्राम स्थित परचुरे शास्त्री की कुटी है। संस्कृत के विद्वान परचुरे शास्त्री ने कुष्ठग्रस्त होने के बाद अपने आख़िरी दिन सेवाग्राम आश्रम में ही बिताए थे। नारायण देसाई ने अपनी किताब ‘बापू की गोद में’ परचुरे शास्त्री से महात्मा गांधी के लगाव पर मर्मस्पर्शी ढंग से लिखा है। वह अंश पढ़ें :
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छूटा करते
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है- ऐसा कभी अरस्तु ने कहा था। कभी-कभी सोचता हूं गर संसार में रिश्ते नहीं होते तो भी क्या मनुष्य सामाजिक प्राणी होता ! या फिर समाज का निर्माण हीं संभव हो पाता ! नहीं ना ।
चौंसठ सूत्र, सोलह अभिमान
अविनाश मिश्र कविता के अति विशिष्ट युवा हस्ताक्षर हैं. इस संग्रह में शामिल कविताएँ एक लम्बी कविता के दो खंडों के अलग-अलग चरणों के रूप में प्रस्तुत की गई हैं. कवि प्रेम में आता है और साथ लेकर आता है—कामसूत्र. वात्स्यायन कृत कामसूत्र. इसी संयोग से इन कविताओं का जन्म होता है. कवि प्रेम और …
कुछ अनकहे से अल्फ़ाज़
डियर क्रश डेढ़ साल तक मैं तुम्हें क्लास में देखता रहा परन्तु नाम तक नहीं पूछ सका. ऐसा नहीं है कि मैं पुराने ख़यालातों का था जिसे लड़कियों से बात करने में डर अथवा झिझक होती है. मैं फट्टू या डरपोक भी नहीं था. बात करने के तौर तरीकों में भी माहिर था.. और हूँ …
हिंदुस्तान का बंटवारा मुझे सदैव कचोटता है
गए कुछ साल हिन्दी साहित्यिक जगत में महत्वपूर्ण रहे हैं. इस बीच हिन्दी में कुछ ऐसे लोगों का आना हुआ है, जो यूं तो मार्केटिंग या तकनीकी क्षेत्र से सम्बन्ध रखते हैं किन्तु अपने भाषाई प्रेम के कारण हिन्दी में लिख रहे हैं.
मूलकणों की अद्भुत दुनिया
चलिए हमलोग प्राथमिक कणों के खूबसूरत और कौतूहलपूर्ण संसार की सैर करते हैं. प्राथमिक या मूलभूत कण अर्थात जो अन्य कणों से मिलकर नहीं बने हों.
बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम
आज ‘प्रोपोज डे’ की धूम देखकर अपनी नाकाम जवानी पर अफ़सोस हुआ. हमारी पीढ़ी में अपने सपनों की मलिका के सामने प्रेम का प्रस्ताव रखने का साह्स कम ही होता था.
कुछ यात्रायें ऐसी होती हैं, दिल करता है कभी ख़त्म न हो
कुछ जगहें आपको वापस बुलाती हैं, एक बार फिर से जाने को दिल मचलता है. हमारी बाली यात्रा कुछ ऐसी ही थी. मेरी पत्नी के लिए तो यह पहली नज़र का प्यार था.