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साहित्य


diary-of-praveen-jha-nuti-part-1

नुति को नहीं पता कि कहाँ से शुरुआत हो । …मगर हाँ, फ़िलहाल शायद उसे बस एक माध्यम चाहिए जिसे वो अपनी बात कह सके । उसके मन की वो सारी बातें जो समाज-परिवार के बनाये नियमों के अंदर फिट नहीं बैठते ।

book-review-coolie-lines

विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर एक व्यंग कथा संग्रह के बाद दो दूर देशों की यात्रा वृतांत और फिर ……………… कुली लाइंस । 

parchure kuti

ये सेवाग्राम स्थित परचुरे शास्त्री की कुटी है। संस्कृत के विद्वान परचुरे शास्त्री ने कुष्ठग्रस्त होने के बाद अपने आख़िरी दिन सेवाग्राम आश्रम में ही बिताए थे। नारायण देसाई ने अपनी किताब ‘बापू की गोद में’ परचुरे शास्त्री से महात्मा गांधी के लगाव पर मर्मस्पर्शी ढंग से लिखा है। वह अंश पढ़ें :

Relationship image

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है- ऐसा कभी अरस्तु ने कहा था। कभी-कभी सोचता हूं गर संसार में रिश्ते नहीं होते तो भी क्या मनुष्य सामाजिक प्राणी होता ! या फिर समाज का निर्माण हीं संभव हो पाता ! नहीं ना ।

अविनाश मिश्र कविता के अति विशिष्ट युवा हस्ताक्षर हैं. इस संग्रह में शामिल कविताएँ एक लम्बी कविता के दो खंडों के अलग-अलग चरणों के रूप में प्रस्तुत की गई हैं. कवि प्रेम में आता है और साथ लेकर आता है—कामसूत्र. वात्स्यायन कृत कामसूत्र. इसी संयोग से इन कविताओं का जन्म होता है. कवि प्रेम और …

Image Of Shivesh Anand

डियर क्रश  डेढ़ साल तक मैं तुम्हें क्लास में देखता रहा परन्तु नाम तक नहीं पूछ सका. ऐसा नहीं है कि मैं पुराने ख़यालातों का था जिसे लड़कियों से बात करने में डर अथवा झिझक होती है. मैं फट्टू या डरपोक भी नहीं था. बात करने के तौर तरीकों में भी माहिर था.. और हूँ …

Image of writer Prabhat Ranjan Praneeth

गए कुछ साल हिन्दी साहित्यिक जगत में महत्वपूर्ण रहे हैं. इस बीच हिन्दी में कुछ ऐसे लोगों का आना हुआ है, जो यूं तो मार्केटिंग या तकनीकी क्षेत्र से सम्बन्ध रखते हैं किन्तु अपने भाषाई प्रेम के कारण हिन्दी में लिख रहे हैं.

image of radicals

चलिए हमलोग  प्राथमिक कणों के खूबसूरत और कौतूहलपूर्ण संसार की सैर करते हैं. प्राथमिक या मूलभूत कण अर्थात जो अन्य कणों से मिलकर नहीं बने हों.

parpose day

आज ‘प्रोपोज डे’ की धूम देखकर अपनी नाकाम जवानी पर अफ़सोस हुआ. हमारी पीढ़ी में अपने सपनों की मलिका के सामने प्रेम का प्रस्ताव रखने का साह्स कम ही होता था.

mihir jha bali yatra

कुछ जगहें आपको वापस बुलाती हैं, एक बार फिर से जाने को दिल मचलता है. हमारी बाली यात्रा कुछ ऐसी ही थी. मेरी पत्नी के लिए तो यह पहली नज़र का प्यार था.