Analysis मानव की सोच ! http://www.vicharbindu.com/thinking-of-modern-people/ एक हार से न कोई फकीर और एक जीत से न कोई सिकंदर बनता ? क्या इसी परिवर्तित समाज की परिकल्पना हमारे पुरखों ने की होगी ?