जीवनी
![image of satyajit-ray](https://www.vicharbindu.com/wp-content/uploads/2020/05/image-of-satyajit-ray-335x186.jpg)
पर्दे पर संगीत रचने वाला शिल्पी
सत्यजित रे की चर्चा के बगैर बांग्ला ही नहीं, भारतीय सिनेमा का भी इतिहास लिखा जाना मुमकिन नहीं। भारत के इस महानतम फिल्मकार ने भारतीय सिनेमा की नई परिभाषा गढ़ी और उसमें संवेदनाओं के कई मीलस्तम्भ खड़े किए। वे सिनेमा के परदे पर परंपरा और आधुनिकता के बीच की खाली जगह में संगीत की सृष्टि …
![Image Of Maulaana Mazaharul Haq](https://www.vicharbindu.com/wp-content/uploads/2019/12/image-of-maulaana-mazaharul-haq-335x186.jpg)
मौलाना मज़हरूल हक़ की याद !
देश के महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर शिक्षाविद, लेखक और अग्रणी समाज सेवक मौलाना मज़हरुल हक़ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे योद्धाओं में रहे हैं जिन्हें उनके स्मरणीय योगदान के बावज़ूद इतिहास ने वह यश नहीं दिया जिसके वे हकदार थे ।
![image of vikram sarabhai](https://www.vicharbindu.com/wp-content/uploads/2019/08/image-of-vikram-sarabhai.jpg)
डॉ० विक्रम साराभाई की जीवनी व विचार
विक्रम साराभाई ( 12 अगस्त 1919 – 30 दिसम्बर 1971 ) देश के प्रमुख वैज्ञानिकों में से थे. उनका जन्म अहमदाबाद गुजरात में अम्बालाल साराभाई और सरला देवी के परिवार में हुआ था. उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान में शिक्षा ग्रहण किया. भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने और अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर …
![image of kishore kumar](https://www.vicharbindu.com/wp-content/uploads/2018/08/image-of-kishore-kumar-335x186.jpg)
कभी अलविदा ना कहना
अपने सार्वजनिक जीवन में बेहद चंचल, खिलंदड़े, शरारती और निजी जीवन में बहुत उदास, खंडित, तन्हा किशोर कुमार रूपहले परदे के सबसे रहस्यमय और सर्वाधिक विवादास्पद व्यक्तित्वों में एक रहे हैं जिनकी एक-एक अदा, जिनकी एक-एक हरकत उनके जीवन-काल में ही किंवदंती बन गईं।
![image of Bhikhari-Thakur](https://www.vicharbindu.com/wp-content/uploads/2018/07/image-of-Bhikhari-Thakur-335x186.jpg)
अपनी मिट्टी से जुड़ा बिदेसिया
भोजपुरी माटी और अस्मिता के प्रतीक स्व. भिखारी ठाकुर भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाते हैं। अपनी जमीन, उसकी सांस्कृतिक और सामाजिक
![guru dutt](https://www.vicharbindu.com/wp-content/uploads/2018/07/guru-dutt-335x186.png)
तंग आ गए हैं कशमकश-ए-ज़िन्दगी से हम !
गुरुदत्त उर्फ़ वसंत शिवशंकर पादुकोन को हिंदी सिनेमा का सबसे स्वप्नदर्शी और समय से आगे का फिल्मकार कहा जाता है। वे वैसे फिल्मकार थे जिनकी तीन फिल्मों – ‘प्यासा’, ‘साहब बीवी गुलाम’ और ‘कागज़ के फूल’ की गिनती विश्व की सौ श्रेष्ठ फिल्मों में होती हैं।
![image of Dr.-Laxman-Jha](https://www.vicharbindu.com/wp-content/uploads/2018/06/image-of-Dr.-Laxman-Jha-335x186.jpg)
डॉ लक्ष्मण झा : आधुनिक विदेह
डॉ लक्ष्मण झा का जन्म दरभंगा जिला के रसियारी गाँव मे हुआ था। शुरुआती पढाई प्रसिद्ध विद्वान पंडित रमानाथ झा के सानिध्य में हुआ। बचपन से ही भौतिक और सांसारिक चीजों से प्राकृतिक दूरी सी हो गई थी। घर वाले बचपन मे ही बियाह करवाना चाहते थे लेकिन वो सीधे मना कर देते, बारंबार विवाह …
![image of Rajkamal choudhary](https://www.vicharbindu.com/wp-content/uploads/2018/06/image-of-Rajkamal-choudhary.jpg)
राजकमल चौधरी न मंटो थे, न गिंसबर्ग और न ही मुक्तिबोध
आज हिंदी और मैथिली के कवि-कथाकार राजकमल चौधरी की पुण्यतिथि है. 51वीं. जिंदा होते तो 90 की उम्र में पहुंचने वाले होते. यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि उनका बुढ़ापा कैसा होता. बहरहाल वैसा नहीं होता, जैसा पिछले एक हफ्ते से दिख रहा है. फेसबुक पर इन दिनों राजकमल चौधरी फिर से जिंदा हो गये …
![Ustad Ali Akbar Khan](https://www.vicharbindu.com/wp-content/uploads/2018/06/Ustad-Ali-Akbar-Khan.jpg)
वो ऊँगलियों का नहीं रूह का जादू होगा !
भारतीय शास्त्रीय संगीत के पुरोधा और देश के महानतम सरोद-वादक उस्ताद अली अकबर खां को सरोद को विश्वव्यापी मान्यता और लोकप्रियता दिलाने का श्रेय जाता है। वे प्रसिद्द मैहर घराने के संस्थापक उस्ताद अल्लाउदीन खां के पुत्र, संगीतज्ञ अन्नपूर्णा देवी के भाई और विश्वप्रसिद्ध सितार वादक पंडित रविशंकर के साले थे।
![jan kavi ghagh](https://www.vicharbindu.com/wp-content/uploads/2018/06/jan-kavi-ghagh.jpg)
एक थे जनकवि घाघ !
बिहार और उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक लोकप्रिय जनकवियों में कवि घाघ का नाम सर्वोपरि है। सम्राट अकबर के समकालीन घाघ एक अनुभवी किसान और व्यावहारिक कृषि वैज्ञानिक थे। सदियों पहले जब टीवी या रेडियो नहीं हुआ करते थे और न सरकारी मौसम विभाग, तब किसान-कवि घाघ की कहावतें खेतिहर समाज का पथप्रदर्शन करती थी।