Posts in category
गीत-संगीत
आधुनिक संगीत का नया स्वरूप
अभी कल को मैंने एक फेसबुक पर एक पंजाबी गीत के बोल पोस्ट किया था. हमारे कई मित्रों ने अपने तरीके से अलग-अलग मतलब निकाले. कई लोगों को ये तक लगा कि मेरा ‘फिर से’ (…… ‘फिर से’) किसी के साथ चक्कर आरंभ हो गया. कुछ लोग तो इनबॉक्स तक पहुँच गए कि क्या कहाँ …
जानिए हम कितने सहिष्णु हैं ?
हम सब पूरे खलिहर हैं । एक बार और ये बात साबित कर दिये । पता नहीं क्यों हम एक सड़क छाप मुद्दे को राष्ट्रीय विपत्ति बनाने पर तूल जाते हैं । फेसबूक पे दो खेमा है…
एक हार से न कोई फकीर और एक जीत से न कोई सिकंदर बनता ?
एक हार से न कोई फकीर और एक जीत से न कोई सिकंदर बनता ? चंदन ठाकुर की कलम से !