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कविता


Atal Bihari Vajpayee

अटल जी कहते थे, “मेरी कविता जंग का एलान है, यह पराजय की प्रस्तावना नहीं | वह हारे हुए सिपाही का नैराश्य-निनाद नहीं, जूझते यौद्धा का जय संकल्प है, वह निराशा का स्वर नहीं, आत्मविश्वास का जयघोष है |”

Padmini-Gora-Badal - Pandit Narendra Mishra

रानी पद्मावती प्रसंग से जुड़े पंडित नरेंद्र मिश्र की लोकप्रिय कविता ‘पद्मिनी-गोरा-बादल‘ “दोहराता हूँ सुनो रक्त से लिखी हुई क़ुरबानी, जिसके कारण मिट्टी भी चन्दन है राजस्थानी ।” डॉ कुमार विश्वास द्वारा इस कविता की प्रस्तुती का विडियो भी आवश्य देखें !

Bharti Jha vicharbindu

“कवियत्री भारती झा की पाँच कविताएँ”  भारती झा दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा हैं । साहित्य में रूचि रखती हैं, हिंदी तथा मैथिली में निरंतर कविताएँ लिखती हैं । आईये विचारबिंदु के इस अंक में पढ़ते हैं इनकी हिंदी की कविताएँ  । 

nagarjun-poems-in-hindi

प्रस्तुत है, वैद्यनाथ मिश्र “यात्री” यानी बाबा नागार्जुन की कविताएँ बादल को घिरते देखा है,  कालिदास! सच-सच बतलाना !, बांकी बच गया अंडा, इन घुच्ची आँखों में, अकाल और उसके बाद ।

Maithili Sharan Gupt poem in hindi

कवि मैथिलीशरण गुप्त की कुछ प्रेरणात्मक कविताएँ/ कालजयी रचना जो हमें प्रेरणा देता है । आईये पढ़ें कविता ( “नर हो, न निराश करो मन को” एवं “मनुष्यता” ) 

vikash vatsnabh

समय की करवटों ने बहुत कुछ बदला है । लड़के अब ड्यूड और लड़कियाँ बेब्स कही जाने लगीं हैं । पॉकेट मनी सीसीडी और पब को नशीब हो रहा है । खतों की सिसकियाँ रिंगटोन में बजने लगी है । हर जगह..

bal-kavita

प्रस्तुत है पाँच बाल कविताएँ ।  “माँ, कह एक कहानी”- मैथिलीशरण गुप्त / “बचपन जिंदाबाद !” – शादाब आलम /  “टेसू राजा अड़े खड़े” –  रामधारी सिंह दिनकर /  “सुबह” – श्रीप्रसाद / “सतरंगे बादल”  – पूनम श्रीवास्तव ।

gunjan shree

कुछेक वर्ष पहले मेरे जन्मदिवस पे मेरे पिता ने मुझे इस जीवनोपयोगी कविता से उपहृत किया था। मैं न्यूनाधिक्य मूढ़ पता नहीं कितना कसूँगा इस के कसौटी पर…

image of dinkar

रामधारी सिंह दिनकर का जन्म : 23 सितम्बर 1908 को बिहार के मुंगेर जिला के सिमरिया में हुआ था. दिनकर जी वीर रस के सर्वश्रेष्ठ कवि के रूप में प्रख्यात हुए.

Jhansi Ki Rani

भारतीय स्वंत्रता संग्राम के इतिहास की वीरांगना “झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई” जो 23 वर्ष की अवस्था में ही ब्रिटिश सैनिकों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गई. आईये पढ़ते हैं सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता  “झाँसी की रानी”