धर्म
अतीत को वर्तमान से जोड़ती है ये घुमौर होली
दुनिया भर में होली के कई रूप प्रसिद्ध हैं , चाहे ब्रज की प्रियतम को पीट कर मनाई जाने वाली लट्ठमार होली, वृन्दावन में मनाई जाने वाली फूलों की होली अथवा बनारस में लाशों के भभूत से मनाई जाने वाली मसानी होली हो| पर प्रसिद्धि की इस दौर में अगर कोई होली छूट जाती है …
नारीवाद का प्रतीक हैं जगत जननी जानकी
सीता आत्मत्याग तथा शुद्धता का प्रतीक हैं, वह केवल गुणवान पत्नी ही नहीं बल्कि साहसी तथा बहादुर महिला हैं, वह एक निर्भीक स्त्री हैं जिन्होंने रावण का अपराजेय प्रतिरोध किया।
क्या राम सामाजिक भेदभाव के पक्षधर थे ?
वर्तमान मान्यताओं के अनुसार राम के होने का कालखण्ड आज से करीबन नौ-दस हजार वर्ष पूर्व पर जाकर ठहरता है. यद्यपि भारतीय पौराणिक मान्यताओं से देखेंगे तो यह कालावधि और भी बहुत पीछे जाएगी तथापि हम यदि दस हजार वर्ष को ही आधार मानें तो भी एक बड़ा कालखण्ड मर्यादा पुरुषोत्तम को इस धरती पर …
अग्निपरीक्षा का सत्य क्या है ?
अग्निपरीक्षा रामायण के उन प्रसंगों में से एक है, जहां कथा-नायक राम के चरित्र पर भी प्रश्न खड़े हो जाते हैं. अग्निपरीक्षा को लेकर मेरी समझ में लोगों के बीच तीन प्रकार के मत हैं. पहला मत है कि अग्निपरीक्षा का उद्देश्य पूर्व में अग्निदेव को सौंपी गयी सीता को वापस लेना मात्र था. इस …
क्या विभीषण राष्ट्रद्रोही थे ?
विभीषण रामायण के एक ऐसे पात्र हैं, जिनके प्रति लोकमान्यताओं में बहुत द्वंद्व है. समाज में उन्हें एक ही साथ अच्छा और बुरा दोनों माना जाता है. राम का साथ देने के कारण भारतीय मानस एक तरफ उनके पक्ष में रहता है, तो दूसरी तरफ संकटकाल में अपने देश को छोड़ने के कारण उनकी निंदा …
महाशिवरात्रि का अर्थ !
भगवान शिव आदियोगी हैं. योग के जन्मदाता और आदिगुरु. योगियों और सन्यासियों के लिए महाशिवरात्रि वह रात्रि है जब लंबी साधना के बाद शिव को योग की उच्चतम उपलब्धियां हासिल हुई थीं.
कृष्ण और राधा का पुनर्मिलन !
उम्र के आखिरी पड़ाव पर राधा और कृष्ण के मिलन का आख्यान ! लेखक ; पूर्व आई० पी० एस० पदाधिकारी, कवि : ध्रुव गुप्त
लंका के राम कथा में रावण अब तक जिन्दा है !
हमारे देश में भगवान राम हर एक के दिल में बसे हैं किन्तु माता सीता के लिए रावण का वध कर लंका विजय करने वाले श्रीराम की चर्चा लंका में कैसी होती है ? क्या लंका के इतिहास में, उनकी संस्कृति में, उनकी लोक कथाओं में भी राम हैं ? आइए इस सम्बंध में कुछ …
क्योंकि हमारे भीतर का बच्चा कहता है कि “सब मनोरथ बाबा के भरोसे”
महाशिवरात्रि मनाया जा रहा है । गाँव से शहर तक ! यहाँ जो भी लड़के व्रत करते दिख रहे हैं, वो भी हमारे इधर (गाँव) के ही हैं । एकदम ना के बराबर लड़के पटना से हैं जो व्रत कर रहे हैं । हाँ, सबसे बड़ी उपलब्धि ये रही है कि इस शहर के कुछ …
हम क्यों करते हैं सरस्वती की पूजा ?
सरस्वती हिन्दू धर्म की तीन पौराणिक महानायिकाओं या तीन प्रमुख देवियों – लक्ष्मी, दुर्गा और सरस्वती में से एक हैं। लक्ष्मी जहां धन, वैभव और ऐश्वर्य की और दुर्गा शक्ति की देवी है, सरस्वती को विद्या और कलाओं की अधिष्ठात्री देवी का दर्ज़ा हासिल है।