चाणक्य का पूरा नाम विष्णुगुप्त कौटिल्य था । इन्होंने विदेशी आक्रमण से त्रस्त टूटे-फूटे और बिखरे हिंदुस्तान को एकता के सूत्र में गूँथ कर उसे एक दृढ़ राजनितिक आधार प्रदान किया । कौटिल्य चन्द्रगुप्त के महान्मंत्री थे । यह भी एक विचित्र संयोग है, कि पश्चत्यता राजनितिक दार्शनिक अरस्तु से शिष्य की पराजय कौटिल्य के शिष्य द्वारा हुई । अपने शिष्य चन्द्रगुप्त को एक बहूत बड़ा सम्राट बनाने का श्रेय कौटिल्य को ही है । कौटिल्य का कोई प्रमाणिक जीवन चरित्र नहीं मिलता है । इस संबंध में स्वयं कौटिल्य ने भी विशेष प्रकाश नहीं डाला है । फिर भी यह मन जाता है कि उनका जन्म लगभग 400 BC भारत की प्राचीन एतिहासिक नगरी तक्षशिला में एक गरीब ब्रह्मण परिवार में हुआ था ।
virtuous & gracious work Rajanish jee,
really chanakya was a savant & moral teacher.
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Nice contant.
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Yah padhkar hame jivan ko jine ka sahi marg bataya hai insan ko jivan me kitana kast kyo n use dukh se ghabarana nahi chahiye
धन्यवाद् महोदय