एक बार एक जूता बनाने की कम्पनी ने दो यूवकों को मार्केटिंग ऑफिसर बना कर एक द्वीप पर भेजा ताकि वो वहाँ पर उस कम्पनी के बने जूते के लिए बजार की सम्भावनाएं टटोल सकें. कुछ दिनों के बाद.
दोनों ने अपने मेनेजर को एक-एक टेलीग्राम भेजा. जिसके तुरंत बाद उनमें से एक को नौकरी से निकाल दिया, जबकि दुसरे को स्थायी कर दिया गया.
हटाये गए ऑफिसर का टेलीग्राम था – ‘सर, यहाँ कोई भी व्यक्ति जूता नहीं पहनता, इसीलिए हमारे जूतों की यहाँ कोई सम्भावना नहीं है.’
जबकि दुसरे ऑफिसर का टेलीग्राम था – ‘सर यहाँ कोई भी जूता नहीं पहनता, इसीलिए यहाँ हमारे जूतों के लिए अपार सम्भावनाएं हैं.’
सीख : सकारात्मक नजरिया रखने वाले लोग न केवल सफल होते हैं, बल्कि उनकी आमदनी भी अधिक होती है. सकारात्मक नजरिया रखने वाले लोग समस्या में समाधान ढूंढने हैं, जबकि नकारात्मक नजरिया के लोग समाधान में समस्याओँ को ढूंढते हैं.
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