सर्वरोग निवारक नीम


benifits of Neem

नीम  एक चमत्कारी वृक्ष है. जिसमें अनेकों  औषधिय गुण पाए जाते हैं. नीम के छाल, टहनी, दातुन, पत्तियां, निबौरिया एवं फुल इन सब का प्रयोग हमारे रोजमर्रा की जिन्दगी में किया जाता है.

नीम एक ऐसा औषधिय गुणों से भरा हुआ पेड़ है जिसका हर भाग जेसे छाल, टहनी, दातुन, पत्तियाँ, फुल आदि  प्राकृतिक चिकित्सा के रूप में उपयोग किया जाता है. ‘आयुर्वेद’ के दो प्राचीन ग्रंथों ‘चरक संहिता’ और ‘सुश्रुत संहिता’ में भी इसके गुणों की चर्चा की गई है. ‘आयुर्वेद‘ में इसे सर्वरोग निवारक की संज्ञा दी गई है. इस पेड़ में कोई कीड़ा-मकोड़ा नहीं लगता है. भारत के गांवो में नीम के पेड़ का एक अलग महत्व है. यहाँ ग्रामीण इसे गरीबों का टूथ ब्रश कहते हैं. दातुन के रूप में इसका इस्तेमाल करते हैं.


नीम का दंतुन करने से दांत और मसूढ़े स्वस्थ रहते हैं. दांत में कीड़े नहीं लगते, एवं इसके नियमित प्रयोग से पाईरिया जेसे दांत के रोग नहीं होते हैं. नीम की पत्तियाँ चबाने से रक्त साफ़ होता है और त्वचा विकार रहित होती है. दंतुन करने एवं पत्तियाँ चबाने ने दांत स्वस्थ और मजबूत होते हैं.


चेचक जैसे चर्म रोग में नीम बहूत ही फायदेमंद होता है. नीम की पत्तियों को पानी में उबाल कर उस पानी से नहाने से चर्म विकार दूर होते हैं. और इसके विषाणु को फैलने न देते हैं.


गर्मियों के मौसम में इन्फेक्शन की वजह से त्वचा संबंधी परेशानीयां ज्यादा होती है. जैसे दाद, खुजली आदि, इसके लिए नीम का लेप लगाकर कुछ देर तक सूखने दें फिर धो लें इससे त्वचा के ऊपर के हानिकारक विषाणु का नाश होगा. या नीम के पत्ते को पानी में डालकर पूरी रात छोड़ दे और सुबह स्नान करें फायदा होगा


नीम का रस मधुमेह, कैंसर, हृदयरोग, हर्पीस, एलर्जी, अल्सर, हिपेटाइटिस (पीलिया) आदि में फायदा पहुंचता है.


नीम मलेरिया फेलने वाले मच्छरों को दूर रखने में अत्यंत सहायक है. जिस वातावरण में नीम के पेड़ रहते हैं, वहाँ मलेरिया नहीं फैलता है.


पेट में कीड़ा हो जाने पर नीम के रस का सेवन कारने पर बहूत ही फायदेमंद होता है.


नीम के पत्ते का प्रयोग किसान आनाज में कीड़ा न लगने के लिए करते हैं. अनाज का भंडारण करते समय नीम के पत्तों को आनाज में मिला कर उसका भंडारण किया जाता है.


संस्कृत में इसे  ‘अरिष्ट ‘ भी कहा जाता है, जिसका मतलब होता है,  ‘ श्रेष्ठ’ पूर्ण और कभी ख़राब नहीं होने वाला.”

Previous महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाषचंद्र बोस
Next गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र के नाम संदेश

No Comment

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *