नया लेख

कुछ दिन पहले हमने गजेंद्र श्रोत्रिय की फिल्म देखी थी ‘कसाई’। इस तरह की फिल्में देखने या साहित्य पढ़ने के तुरंत बाद उस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दे पाती। ‘कसाई’ शीर्षक से शिवमूर्ति जी की कहानी और बाद में उसपर आधारित नाटक ‘कसाईबाड़ा’ का याद आना स्वाभाविक है। कुछ नाम की समानता के कारण …

सेक्स की इतनी अधिक समस्याएं मनुष्य की मूढ़ता के कारण पैदा हुई हैं । बहुत ही सुगमता से इसमें प्रवेश कर इसका आनंद उठाया जा सकता है और इसके बाद इसे रूपांतरित कर उच्चतर आनंद की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है ।      ओशो ने मनुष्य के जीवन में हर सात साल के बाद एक …

सौराठ मिथिला (उत्तर बिहार) के मधुबनी जिले में स्थित एक ऐतिहासिक-सांस्कृतिक गाँव है। यह मिथिला के उन गांवों में से एक है, जो मिथिला के सांस्कृतिक इतिहास में अपने विशाल योगदान के लिए जाना जाता है। यह एक प्राचीन स्थान है, जहाँ खुदाई किये गए कुछ टीले पाए गए हैं, जो संभवतः इसके ऐतिहासिक महत्व …

साहित्य

साहित्यिक गतिविधियाँ तथा पुस्तक चर्चा
Atal Bihari Vajpayee

अटल जी कहते थे, “मेरी कविता जंग का एलान है, यह पराजय की प्रस्तावना नहीं | वह हारे हुए सिपाही का नैराश्य-निनाद नहीं, जूझते यौद्धा का जय संकल्प है, वह निराशा का स्वर नहीं, आत्मविश्वास का जयघोष है |”

sailing-boat

मैं नाव के अगले माईन पर बैठा था और मेरी नजरें जलकुंभी के फूलों पर टिकी थी जो धीरे-धीरे मेरे पास आती जा रही थी । करमी के फूलों की पृष्ठभूमि में उसकी खूबसूरती और बढ़ गई थी।

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आज का विचार

जो छोटी-छोटी बातों में सच को गंभीरता से नहीं लेता है, उस पर बड़े मसलों में भी भरोसा नहीं किया जा सकता.

— अल्बर्ट आइंस्टीन