नया लेख
रक्तांचल : कहाँ आ पाया वो स्वाद ?
ऐसा कहना बिल्कुल अतिश्योक्ति नहीं होगी कि और जो भी हो मगर ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ जैसी दमदार क्राईम-थ्रिलर फिल्मों से लोगों का टेस्ट जरूर बदल गया है। जिसका प्रमाण आपके सामने है कि मिर्जापुर, पाताल लोक जैसी वेब सीरीज इतनी लोकप्रिय हो रही है। अभी हाल में ही एम एक्स प्लेयर पर रिलीज हुई नई …
वैश्विक चिंतन के साथ गतिमान है मैथिली साहित्य
साहित्य हमेशा मानव जाति के लिए, मानवीय कल्याण के लिए दृष्टि विस्तार की बात करता है। साहित्य लेखन को ठीक से देखा जाए तो लगेगा साहित्य समाज के लिए समालोचक की भूमिका भी निभाता है। बेपटरी हो रहे समाज को पटरी पर लाने के लिए साहित्यकार काफी प्रयास करते हैं। आज के समय में नैतिकता, …
क्या राम सामाजिक भेदभाव के पक्षधर थे ?
वर्तमान मान्यताओं के अनुसार राम के होने का कालखण्ड आज से करीबन नौ-दस हजार वर्ष पूर्व पर जाकर ठहरता है. यद्यपि भारतीय पौराणिक मान्यताओं से देखेंगे तो यह कालावधि और भी बहुत पीछे जाएगी तथापि हम यदि दस हजार वर्ष को ही आधार मानें तो भी एक बड़ा कालखण्ड मर्यादा पुरुषोत्तम को इस धरती पर …