प्रेम में स्वतंत्रा क्यों- वासुदेव श्री कृष्ण


Why is freedom in love - Sri Krishna

प्रेम की स्वतंत्रा के विषय में श्री कृष्ण वासुदेव के उपदेश. प्रेम में स्वतंत्रा क्यों ? तनिक सोचिये, यदि जल को मुट्ठी में कस के बांधे तो जल कैसे अपना मार्ग बना कर निकल जाता है. इसी तरह धारा की भांति, यही अवस्था हमारे अपनों के साथ भी होती है.

अधिकतर हम जिनसे प्रेम करते हैं. हम सदा उन्हें अपने समीप रखना चाहते हैं. स्वयं से दूर नही होने देना चाहते, चिंता करते हैं, भय खाते हैं. की कहीं उनके साथ या उनसे कुछ बुरा घटित न हो  और ऐसे में हमारे अपने ही हमसे दूर हो जाते हैं. एक मुट्ठी में बंधे जल की भांति. इसीलिए जिनसे आप प्रेम करते हैं. उन्हें स्वतंत्र कर दीजिये, उनकी सोच को स्वतंत्र बनने दीजिये, उन्हें अपने मार्ग स्वयं ढूढने  दीजिए. क्योंकि आप सदा उनके साथ मार्ग दिखाने के लिए नहीं रहने वाले. उनके साथ आवश्य रहें किन्तु उन्हें बांधे नहीं.

– वासुदेव श्री कृष्ण

Previous शक्ति के साथ अच्छे गुणों का विस्तार आवश्यक
Next अपना हर पल हर पहर विश्वास से जियें ।

No Comment

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *