प्रिय पाठकों प्रस्तुत है । श्री कृष्ण वासुदेव के उपदेश जिसमें श्री कृष्ण जीवन के सार्थकता के विषय में कहते हैं । अपना हर पल हर पहर विश्वास से जियें ।
जन्म के पश्चात बालक जब पहली बार अपने नेत्र खोलता है । तो उसका मन उत्सुकता से भरा होता है । की ये संसार क्या है ? उसे क्या दिख रहा है , ये उसके जीवन का नया आरंभ होता है । परन्तु जैसे हम धीरे-धीरे बड़े होते हैं । अनुभव अर्जित करते हैं । हमारे मन की उत्सुकता हमारे जीवन का चाव होने लगता है ।
तनिक सोचिये जब हम सुबह सो कर जागते हैं । अपनी आँखे खोलते हैं उसे ही हम अपने जीवन का प्रारंभ समझ लें तो । सुबह से लेकर संध्या तक के समय को ही अपने जीवन जीने का समय समझ लें तो । कितनी स्फूर्ति आ जायेगी आप में कितने काम कर पाएंगे आप, अपने लक्ष्य अर्जित कर पाएंगे
पलों से मिलकर घरि बनती है । घरि से मिलकर पहर और पहर से मिलकर दिन बनते हैं । यदि आप अपना हर पल हर पहर विश्वास से जियें । हर दिन उत्साह से जियें । तो आपका सम्पूर्ण जीवन सार्थक हो सकता है ।
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