वैश्विक चिंतन के साथ गतिमान है मैथिली साहित्य
साहित्य हमेशा मानव जाति के लिए, मानवीय कल्याण के लिए दृष्टि विस्तार की बात करता है। साहित्य लेखन को ठीक से देखा जाए तो लगेगा साहित्य समाज के लिए समालोचक की भूमिका भी निभाता है। बेपटरी हो रहे समाज को पटरी पर लाने के लिए साहित्यकार काफी प्रयास करते हैं। आज के समय में नैतिकता, …
क्या राम सामाजिक भेदभाव के पक्षधर थे ?
वर्तमान मान्यताओं के अनुसार राम के होने का कालखण्ड आज से करीबन नौ-दस हजार वर्ष पूर्व पर जाकर ठहरता है. यद्यपि भारतीय पौराणिक मान्यताओं से देखेंगे तो यह कालावधि और भी बहुत पीछे जाएगी तथापि हम यदि दस हजार वर्ष को ही आधार मानें तो भी एक बड़ा कालखण्ड मर्यादा पुरुषोत्तम को इस धरती पर …
राहुल सांकृत्यायन और नेपाल
नेपाल के प्रसिद्ध साहित्यकार धर्मरत्न यमि के साथ राहुल सांकृत्यायन की यह तस्वीर जनवरी 1953 में राहुल जी की नेपाल-यात्रा के दौरान ली गई थी। राहुल जी की यह यात्रा इस अर्थ में भी विशिष्ट थी कि इसी दौरान राहुल जी नेपाल के महाकवि लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा के साथ-साथ अन्य प्रमुख नेपाली साहित्यकारों से भी मिले …
पर्दे पर संगीत रचने वाला शिल्पी
सत्यजित रे की चर्चा के बगैर बांग्ला ही नहीं, भारतीय सिनेमा का भी इतिहास लिखा जाना मुमकिन नहीं। भारत के इस महानतम फिल्मकार ने भारतीय सिनेमा की नई परिभाषा गढ़ी और उसमें संवेदनाओं के कई मीलस्तम्भ खड़े किए। वे सिनेमा के परदे पर परंपरा और आधुनिकता के बीच की खाली जगह में संगीत की सृष्टि …
साहित्यालोचन की दिशा
साहित्य ज्ञान की सौंदर्यबोधात्मक विधा है । इसी मामले में वह ज्ञान-विज्ञान की अन्य विधाओं से अलग है । “सौंदर्य” उसका भेदक गुण है । इसलिए साहित्य पर जब भी विचार हो तो प्राथमिकता के साथ उसके सौंदर्य पर, रस पर, आनंद पर विचार होना चाहिए, क्योंकि साहित्य में क्या कहा गया है, इससे ज्यादा …
अग्निपरीक्षा का सत्य क्या है ?
अग्निपरीक्षा रामायण के उन प्रसंगों में से एक है, जहां कथा-नायक राम के चरित्र पर भी प्रश्न खड़े हो जाते हैं. अग्निपरीक्षा को लेकर मेरी समझ में लोगों के बीच तीन प्रकार के मत हैं. पहला मत है कि अग्निपरीक्षा का उद्देश्य पूर्व में अग्निदेव को सौंपी गयी सीता को वापस लेना मात्र था. इस …
क्या विभीषण राष्ट्रद्रोही थे ?
विभीषण रामायण के एक ऐसे पात्र हैं, जिनके प्रति लोकमान्यताओं में बहुत द्वंद्व है. समाज में उन्हें एक ही साथ अच्छा और बुरा दोनों माना जाता है. राम का साथ देने के कारण भारतीय मानस एक तरफ उनके पक्ष में रहता है, तो दूसरी तरफ संकटकाल में अपने देश को छोड़ने के कारण उनकी निंदा …
अंग महाजनपद के सौदागर
पिछले दिनों प्राचीन भारत से संबंधित कई किताबों को पढ़ने का मौका मिला । इसमें बिहार से जुड़े विभिन्न अंचलों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का पता चला । अब जैसे मगध साम्राज्यवादियों और ज्ञान की तलाश करने वाले व्रात्यों का गढ़ था । मिथिला वैदिक ज्ञान और न्याय शास्त्र की भूमि रही, बाद में लिच्छवियों के …
दारा शिकोह! इतिहास में वाजिब जगह तलाशता शहजादा!
एक ऐसा शख्स जो विविधतापूर्ण भारतीय संस्कृति में समन्वयकारी तत्वों की खोज में ताउम्र लगा रहा। जो सच्चे अर्थों में धार्मिक सहिष्णुता एवं धर्म निरपेक्षता का हिमायती था। भारतीय इतिहास द्वारा विस्मृत एक अनोखा एवं अद्भुत व्यक्तित्व जिसे सूफियों एवं मनीषियों की पंगत में बैठना अच्छा लगता था।हुमायूं एवं अकबर के गुणों से लैस था …
योग विज्ञान की सफलता “एक अनुसंधान”
योग से बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता, प्रतिरक्षा प्रणाली के अध्ययन को प्रतिरक्षा विज्ञान (इम्म्यूनोलॉजी) का नाम दिया गया है । आज का विज्ञान एवं विकसित देश भी मान गये की योग एक विज्ञान है, जिसे जीवन में अपनाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है । इसके अध्ययन में प्रतिरक्षा प्रणाली संबंधी सभी बड़े-छोटे कारणों की …