
कबीर ने किसे कहा है नैहर और किसे ससुराल ?
कबीर का एक पद है जिसमें जिक्र आया है कि नैहर में उनका मन नहीं लग रहा है, वह ससुराल जाना चाहती है । कबीर ने अपने को स्त्री बना लिया है । क्यों ? यह बाद में देखेंगे । पहले पद की कुछ पंक्तियां रख लेते हैं । इससे विचार करने में सुविधा रहेगी—

कोरोना से सम्बंधित वैध सुचना
कोरोना मानव सभ्यता पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह् है, हमें इस विषय को गम्भीरता से लेना चाहिए, इस संकट के समय में अफवाहों से दूर रहकर हमें अपने सरकारी विश्वस्त सूत्रों एवं सुचनाओं को ही प्रसारित करनी चाहिए. भारत सरकार एवं WHO द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन्स का अक्षरशः पालन करना ही इस वक्त हमरा …

महानारी का शहर “महनार”
कहानी वैशाली के महानारी आम्रपाली की, जिसे उसकी खूबसूरती ने बना दिया था नगरवधू| महानारी आम्रपाली के कारण ही हमारे शहर का नाम महनार रखा गया ।

बाजीराव ने दिया मेवाड़ को सम्मान
जनवरी का महीना और साल था 1736 ईस्वी । देश के शासकों के एक मजबूत संगठन के ध्येय को लेकर पेशवा बाजीराव (प्रथम, 1700-1740 ई.) ने मेवाड़ की ओर भी रुख किया । तब यहां के महाराणा जगतसिंह (द्वितीय) थे ।

मौलाना मज़हरूल हक़ की याद !
देश के महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर शिक्षाविद, लेखक और अग्रणी समाज सेवक मौलाना मज़हरुल हक़ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे योद्धाओं में रहे हैं जिन्हें उनके स्मरणीय योगदान के बावज़ूद इतिहास ने वह यश नहीं दिया जिसके वे हकदार थे ।

विद्या वही जो संस्कारों से मुक्ति दिला दे
वीडियो में जब शेर को किसी पशु का पीछा करते हुए देखता हूँ तो मेरी सारी संवेदना जान बचाने के लिए बेतहाशा भागते हुए पशुओं के पक्ष में हो जाती है । उस समय ऐसा तादात्म्य हो जाता है कि लगता है, पशु के साथ मेरे प्राण भी भागे जा रहे हैं । अगर वह …

नुति : तीसरी चिट्ठी
नुति की पहली और दूसरी चिट्ठी को लोगों ने खूब प्यार दिया । लेखक प्रवीण झा से लगातार तीसरी चिट्टी की डिमांड होने लगी तो लीजिए विचारबिन्दु पे प्रस्त्तुत है “नुति की तीसरी चिट्ठी” पढ़िये और अपनी प्रतिक्रिया आवश्य दीजिए ताकि “विचारबिन्दु” के इस डायरी श्रृंखला को आगे बढ़ाया जा सके ।

“पालतू बोहेमियन” के कारण मैं अपनी स्मृतियों में लौट गया।
अच्छी किताब है। पतली भी। कई बार खोजा लेकिन किसी न किसी किताब के बीच दुबक जाती थी। कल पढ़ ही ली। मज़बूत स्मरण शक्ति वाला ही संस्मरण लिख सकता है। प्रभात रंजन की पालतू बोहेमियन पढ़ते हुए लगा कि मनोहर श्याम जोशी से मिलते वक्त वे नज़र और स्मरण शक्ति गड़ा कर मिला करते …