आपका नज़रिया ही जय, पराजय निश्चित करती है


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इस प्रसंग के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया है । की विषम परिस्थितिओं में हमें किस प्रकार से सोचना चाहिए, हमारी नज़रिया कैसी होनी चाहिए, की हम उस परिस्थिति से मुक़ाबला कर सकें ।

एक बार एक बड़े राजा ने एक छोटे से राज्य पर हमला बोल दिया । छोटे राज्य  के सैनिक भयभीत थे और युद्ध मैदान में उतरने से घबरा रहे थे । तभी सेनापति के मन में एक विचार आया । वह अपनी सेना को राज्य के इष्टदेवता के मंदिर में ले गया और सैनिकों को कहा कि हम इष्ट देवता से पूछते हैं कि हम हारेंगे या जीतेंगे ।

यह कह कर उसने अपनी जेब से सिक्का निकला और हवा में उछाल कर कहा कि यदि हेड आता है, तो हमारे इष्ट हमारी जीत बताते हैं और टेल आया तो हमारी हार । सिक्का जमीन पर गिरा तो सभी सैनिक उत्साह पूर्वक देखने लगे ।

यह देख कर सबमें जोश भर आया कि हेड आया है ।

अर्थात उसके इष्ट उनकी जीत की भविष्यवाणी कर रहें हैं । जोश और विश्वास से भरी इस छोटी सेना ने आगे बढ़कर शत्रु की बड़ी सेना पर हमला बोल दिया । बड़ी सेना उन सैनिकों का हौसला देख कर घबरा गई और भाग खड़ी हुई । जीत के बाद वापसी में सेना अपने इष्टदेव के मंदिर में धन्यवाद कर रही थी ।

और सेनापति उस सिक्के को देख रहा था, जिसके दोनों ओर हेड का ही निशान था ।

दोस्तों आपका नज़रिया ही तय करता है कि आप जीवन में ख़ुशी, सफलता और सम्पन्नता के किस स्तर को प्राप्त करेंगे । नजरिया बदलकर आप अपना जीवन बदल सकते हैं ।

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1 Comment

  1. raj mishra
    March 8, 2016
    Reply

    a real perspective about a real life..
    smart quote,

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