जीवन में बदलाव होती रहनी चाहिए और समय परिस्थिति के अनुसार हमें अपने में परिवर्तन करते रहना चाहिए.
हमें हमेशा यह स्मरण रहना चाहिये कि हमारे जीवन में आने वाली सारी परस्थितियाँ हमारे ही अनुकूल हो यह आवश्यक नहीं है. इस प्रसंग के माध्यम से जाने की बदलाव क्यों आवश्यक है.
एक बार एक राजा पैदल सैर को निकला, रास्ते में उसके पैर में कांटा चुभ गया. राजा को बहूत दर्द हो रहा था, चुकी वह राजा था, इसलिए राजा ने अपने मंत्रियों को आदेश दिया अगली सुबह तक सारे साम्राज्य को गलीचे से ढक दिया जाए. साथ ही यह भी कहा की यदि यह काम समय पर पूरा नहीं हुआ, तो सभी मंत्रिओं को मृत्युदंड दिया जायेगा, लेकिन अगले सुबह एक मंत्री ने कहा, ‘महाराज ! आपका दिया हुआ काम हम नहीं कर सकें. परंतु मेरे पास एक छोटा सा सुझाव है, सारे साम्राज्य में गलीचा बिछाने के बजाय आप अपने पैरों में जूते पहन लीजिए.’
मित्रों शिक्षा हमारी सोचने की क्षमता बढ़ती है और विश्लेषण भी सिखाती है, लेकिन बुद्धि को स्थिर नहीं कर सकती. इसलिए हमें समय के अनुकूल परिवर्तन को स्वीकार करना चाहिए. और अगर आपका नजरिया सही हो तो चीज़े ख़ुद-ब-ख़ुद सही रुख़ अपना लेती हैं.
लांगफेलो का कहना था. “सभी वस्तुएं नवीन और विचित्र रूपों में परिवर्तित होती रहती है.“
जैंगविल कहते है. “केवल परिवर्तन को छोड़कर शेष सभी वस्तुएं परिवर्तनशील हैं.“
बायरन कहते है. “जो कुछ में पहले था, वह अब नहीं हूँ.”
Nycccccccccccc thinks about changeable