लगभग पच्चीस साल पहले किसी पत्रिका में पढ़ा था, एक बहुत ही शक्तिशाली, बाहुबली योद्धा था । उसके पड़ोस में एक दुबला-पतला, फुर्तीला आदमी रहता था । दोनों के बीचहमेशा लड़ाई होती रहती थी । दुबले आदमी को क्रोध बड़ी जल्दी आती, वो जब-तब गाली गलौज पर उतारू हो जाता था, योद्धा की बीबी बच्चे बार-बार कहते, इस आदमी का साहस बढ़ता जा रहा है, अगर इसे सबक ना सिखाया गया तो एक दिन ये हमें ख़त्म कर देगा । आलसी योद्धा कंस की हँसी हँस, फिर सो जाता था । क्या पागलो की तरह बात कर रहे हो, इसे तो जब चाहो तब खत्म कर देंगे, एक चिड़ी का मांस तो इसके शरीर में है नही, ये हमें खत्म करेगा । बीबी, बच्चे चुप हो जाते ।
एक दिन फिर लड़ाई हुई, दुबला-पतला आदमी क्रोध में तलवार ले के आ गया, आलसी योद्धा को बच्चों ने चेताया पर वो तो मदान्ध था, वो क्या तलवार चलाएगा, मुठ तो साले से संभलती नही, तलवार चलाएगा, पर उस फुर्तीले आदमी ने , योद्धा पर वार करते हुए उसके एक हाथ काट दिए । मदान्ध को कोई फिक्र नहीं, अरे उसके लिए तो मेरा एक हाथ ही काफी है, फिर सो गया, कुछ दिन बाद फिर लड़ाई हुई इस बार उस दुबले ने योद्धा का दूसरा हाथ भी काट दिया इसी तरह उसके दोनो पैर भी काट दिए, अब उसके लिए सर काटना कौन सा कठिन था । बिलकुल यही हाल भारत पाकिस्तान की है ।
साभार : नीलमाधव चौधरी जी के फेसबुक वाल से
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