प्रिय पाठकों प्रस्तुत है, मलाला युसुफ़जई का संछिप्त जीवन परिचय, मलाला का जन्म 12 जुलाई 1997 को हुआ और 12 जुलाई 2013 को सबसे कम उम्र 17 वर्ष की अवस्था में नोवेल शांति पुरस्कार विजेता बनी । आयिए जाने शिक्षा के अलख से नोवेल शांति पुरस्कार तक का सफ़र…………
उस समय पाकिस्तान की स्वात घाटी में लड़कियां बहूत कम ही स्कूल जाती थीं । मलाला लड़कियों से स्कूल चलने के लिए कहती उसे प्रेरित करती थी । उसी समय 2009 में तालिबान ने एक फ़रमान जारी कर लड़कियों को स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया । धमकी के प्रभाव से लड़कियाँ स्कूल जाना बंद कर दी अब स्कूल में गिनी-चुनी लड़कियाँ ही जाती । परन्तु उस धमकी के बाद भी मलाला स्कूल जाती रही और जब भी मौका मिलता घर-घर जा कर लड़कियों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करती थी । जिसके कारण मलाला के उपर हमला हुआ ।
Must Read : विभाजन काल का मुक़म्मल दस्तावेज है – “पाकिस्तान मेल”
9 अक्टूबर 2012 को पाकिस्तान की स्वातघाटी में तालिबानी उग्रवादियों ने गोली मार कर मलाला को बुरी तरह घायल कर दिया था । इलाज के लिए मलाला को ब्रिटेन ले जाया गया तब जा के स्वास्थ ठीक हुआ । मलाला BBC में ‘डायरी आँफ ए पाकिस्तानी स्कूल गर्ल’ के नाम से ब्लॉग लिखती थी । मलाला ने तालिबान के खिलाफ़ लेख लिखकर दुनियां भर में लोगों का ध्यान खींचा था । 2011 में हांलेंड के एक संगठन ने मलाला को शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया । मलाला के लगातार इस सहासी अभियान के बाद स्वात घाटी में स्कूल जाने वाली लडकियों की संख्या बढ़ने लगी । और उसके बाद वे बालिकाओं के शिक्षा के आंदोलन का प्रतीक बनकर उभरी, जो उसे दुनियां के सबसे कम उम्र की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता बना दिया ।
“हम डरे हुए हो सकते हैं, लेकिन हमारा डर, हमारे साहस से ज्यदा मजबूत नहीं हो सकता।”
- मलाला युसुफ़जई के प्रेरणात्मक विचारों का संग्रह आवश्य पढ़ें !
awsome quote rajanish jee,that really-really very inspirational for those who are starving for education.
its a great job dear,
I like very much you quote & always waiting for your new one..
Bhoot accha rajanish bhy apka blog gyanwardhak hi….
Nice
Very good
Keep it up.