मिथिला आंदोलन – PART 2


map of mithila

बचपन से ही हमें समझाया जाता है कि जब तक तुम्हारे पास कोई रोड मैप नहीं होगा तब तक तुम कोई काम नहीं कर सकते हो. हम भी तो यही आजतक समझते रहे और इसी पर अमल कर अपने भविष्य का निर्धारण करते हैं लेकिन जब से हमने मिथिला के विकास के झंडे को बुलंदी से उठाया है, तब से हम इसी रोड मैप को ढूंढ रहे हैं.

आज तक मिथिला के विकास से सम्बंधित कोई रोडमैप तो नहीं मिला लेकिन जो लोग मिले वो अपने आप को दिग्गज आंदोलनकारी और रणनीतिकार बताने से नहीं थकते. उनके दिमाग में जब हमने मिथिला के विकास के लिए, मिथिला राज्य के लिए एक रोड मैप टटोलने की कोशिश की तो हमें लगा हम अपना वक्त व्यर्थ में जाया कर रहें हैं.

आज यही प्रशन हम खुद से कर रहे हैं कि जब तक हमारे पास भी मिथिला के लिये एक रोड मैप नहीं होगा, कोई इमैजिनेशन नहीं होगा तब तक हम क्या सफल हो पाएंगे ? माना की हम एक आंदोलन कर रहे हैं विकास की बातें कर रहे हैं लेकिन उसके लिए एक रोड मैप, एक इमैजिनेशन होने की जरूरत तो है ना ! यही बात तो हम अपने पुराने मिथिला के आंदोलनकारियों से पूछ रहे हैं कि अगर आप में से किसी के पास मिथिला के लिये एक एजेंडा और रोड मैप नहीं होगा हमें असफलता के अलावा कुछ नहीं मिलेगा. मिथिला का विकास कैसे हो, सारा मिथिला कैसे एकजुट हो, पूरे मिथिला का रिप्रजेंटेशन कैसे हो, मिथिला में जितने भी धर्म संप्रदाय जाति के लोग रहते हैं सब मिलकर विकास के नारे को कैसे बुलंद करें, किसी भी आंदोलनकारी के पास इन सब मुद्दों पर बात करने का वक्त नहीं है.

अब प्रश्न यह है कि यह काम कैसे होगा. जब तक आप लोग साथ नहीं बैठेंगे, एक राय नहीं बनाएंगे तब तक आपका अपना राग अपनी डफली होगी, अकेले नारा लगाते झंडा ढ़ोते आपका जीवन गुजर जाएगा, सफलता कभी नहीं मिलेगी. तो आज वक़्त है कि हम लोग साथ बैठकर एक एजेंडा तय करें और उस एजेंडा पर काम करें चाहे वह मिथिला के विकास का हो या राज्य निर्माण का हो या चाहे किसी भी तरह से मिथिला के हित में हो लेकिन हमारा एजेंडा स्पस्ट होनी चाहिए सफलता हमें तभी ही मिलने वाली नहीं तो और 70 साल यूँ ही निकल जायेंगे. मिथिला का विकास का सपना अधुरा ही रहेगा !

Previous बालकनी के प्रेम कथा का निर्दयी अंत
Next चुपचाप कम्बल ओढ़ के घी पीते रहिए

No Comment

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *